इसमें आप सूरदास के पद (Surdas Ke Pad) अध्याय से जुड़े महत्वपूर्ण प्रश्न हल करेंगे। यहाँ पर सूरदास का जीवन, जन्म-मृत्यु, अष्टछाप, सूरदास की रचनाएँ, भक्ति काल, कृष्ण भक्ति शाखा आदि पर आधारित Objective Questions दिए गए हैं, जो बोर्ड परीक्षा और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी हैं।
सूरदास हिन्दी साहित्य के भक्ति काल (कृष्ण भक्ति) के सबसे महत्वपूर्ण कवि माने जाते हैं । उनका जन्म 1478 ई. के आसपास आगरा के निकट रुनकता में माना जाता है। सूरदास का जीवन मुख्यतः श्रीकृष्ण भक्ति और पद-रचना में बीता। उनकी प्रमुख कृति ‘सूरसागर’ में बाललीला और वात्सल्य रस से भरे अनगिनत सूरदास के पद मिलते हैं। इनके साथ ही ‘सूरसारावली’ और ‘साहित्य लहरी’ भी प्रसिद्ध रचनाएँ हैं।
सूरदास की रचनाएँ सरल, मधुर ब्रजभाषा में होने के कारण आज भी पाठ्यपुस्तकों, प्रतियोगी परीक्षाओं और भक्ति संगीत में उतनी ही लोकप्रिय हैं। सूरदास की रचनाएँ भक्तिकालीन संस्कृति और कृष्ण–भक्ति की अमूल्य धरोहर मानी जाती हैं।
“Surdas Ke Pad” Important Question MCQs
Q1. सूरदास ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास’ के किस काल से सम्बन्धित हैं?
सूरदास भक्ति काल के प्रमुख सगुण भक्त कवि माने जाते हैं।
Q2. अष्टछाप का सर्वश्रेष्ठ कवि कौन है?
अष्टछाप के आठ कवियों में सूरदास को सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
Q3. सूरदास का जन्म कब हुआ था?
अधिकांश विद्वान सूरदास का जन्म 1478 ई. के आस-पास मानते हैं।
Q4. सूरदास का जन्म स्थान है-
परंपरा के अनुसार सूरदास का जन्म आगरा के पास ‘रुनकता’ में माना जाता है।
Q5. सूरदास के आराध्य देव कौन थे?
सूरदास की समस्त भक्ति एवं कविता का केन्द्र श्रीकृष्ण ही हैं।
Q6. सूरदास भक्तिकाल की किस शाखा से सम्बन्धित हैं?
सूरदास सगुणमार्गी ‘कृष्ण भक्ति शाखा’ के प्रमुख कवि हैं।
Q7. सूरदास की मृत्यु कब हुई?
अधिकांश इतिहासकार सूरदास की मृत्यु 1583 ई. के आस-पास मानते हैं।
Q8. अष्टछाप के नाम से किसने एक संगठन बनाया था?
वल्लभाचार्य के पुत्र विट्ठलनाथ ने अष्टछाप कवियों का समूह बनाया था।
Q9. ‘निरगुन कौन देश को वासी’ प्रस्तुत पंक्ति के रचनाकार हैं-
यह पंक्ति सूरदास के पदों में मिलती है।
Q10. सूरदास किस रस के सम्राट माने जाते हैं?
बाल कृष्ण की लीलाओं के कारण उन्हें वात्सल्य रस का सम्राट कहा जाता है।
Q11. ‘सूरसागर’ किसके द्वारा रचित है-
‘सूरसागर’ सूरदास की सर्वप्रसिद्ध कृति है जिसमें कृष्ण लीला के पद हैं।
Q12. सूरसागर में कुल कितने पद बताए जाते हैं?
परम्परा में ‘सूरसागर’ के लगभग सवा लाख पदों का उल्लेख मिलता है।
Q13. ‘सूरसारावली’ में छन्दों की संख्या है-
‘सूरसारावली’ में 1107 छन्द माने जाते हैं।
Q14. ‘साहित्य लहरी’ में दृष्टकूट पदों की संख्या है-
‘साहित्य लहरी’ में 118 दृष्टकूट (द्विअर्थी) पद हैं।
Q15. निम्न में कौन-सी रचना सूरदास की है?
सूरसागर, साहित्य लहरी और सूरसारावली – तीनों सूरदास की प्रसिद्ध कृतियाँ हैं।
Q16. सूरदास जी किस भक्ति शाखा के प्रमुख कवि हैं?
सूरदास को सगुणमार्गी कृष्णाश्रयी भक्ति का अग्रणी कवि माना जाता है।
Q17. निम्न में से कौन-सी कृति सूरदास जी की है?
प्रेमवाटिका (रसखान), नीहार/सांध्यगीत अन्य रचनाकारों की हैं; सूरदास की कृति ‘सूरसागर’ है।
Q18. अष्टछाप कितने कवियों का संगठन है?
‘अष्ट’ का अर्थ आठ – अष्टछाप = आठ प्रमुख कृष्ण भक्त कवियों का समूह।
Q19. सगुणमार्गी कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुख कवि हैं-
सूरदास सगुण कृष्ण भक्ति शाखा के मुख्य कवि और गायक माने जाते हैं।